10-12 महीनों से पीरियड्स का ना आना मेनोपॉज (Menopause) कहलाता है। यह 45 से 55 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं में देखने को मिलती है। मेनोपॉज होना नेचुरल है मतलब यह कोई बीमारी नहीं है। लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाओं को कई तरह की परेशानी होने लगती हैं, जिससे महिलाओं की दिनचर्या प्रभावित होती है।
कई बार मेनोपॉज से महिलाओं को गंभीर समस्या हो जाती है। ऐसा होने पर उन्हें तुरंत गायनेकोलॉजिस्ट से बात करनी चाहिए। साथ ही साथ मेनोपॉज के समय महिलाओं को कुछ परेशानियां हो सकती हैं। इसलिए उन्हें कुछ खास बातों का ध्यान भी रखना चाहिए।
मेनोपॉज के लक्षण:
- मेनोपॉज के लक्षणों में सेक्स के दौरान तेज दर्द होना
- सामान्य तापमान में भी गर्मी लगना
- नींद पूरी ना होना या नींद ना आना
- चिड़चिड़ापन और चिंता होना
- स्तन का मुलायम होना तथा योनि में सूखापन होना शामिल हैं
मेनोपॉज के बाद इस तरह करें अपनी देखभाल:
मेनोपॉज के इलाज के लिए दवाइयों का सेवन करना ठीक नहीं। लक्षण बढ़ जाते हैं तो आप सामान्य दवाएं जैसे सिर दर्द, बुखार की दवा का सेवन कर सकती हैं। बहुत परेशानी होने पर गायनेकोलॉजिस्टकी सलाह लेना चाहिए। नीचे बताए गए तरीकों को अपनाकर आप स्वस्थ रह सकती हैं।
कैल्शियम का अधिक सेवन
मेनोपॉज के दौरान शरीर में कैल्शियम की मात्रा में भारी गिरावट देखने को मिलती है। अगर आहार से पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम नहीं मिल पा रहा है तो कैल्शियम के सप्लीमेंट्स भी लें सकते हैं। गायनेकोलॉजिस्टसे पूछे बिना सप्लीमेंट्स न लें। हड्डियों के कमजोर हो जाने पर अगर सावधानी नहीं बरती गई तो रूटीन लाइफ प्रभावित होगी।
संतुलित खान-पान
शाकाहारी रहें। नॉनवेज में बुरे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है। पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। हरी सब्जियां उबालकर खाएं। खट्टे, मीठे, और नमकीन पदार्थ कम से कम खाएं। फाइबरयुक्त पदार्थ को डाइट में शामिल करें। प्रोसेस्ड और तली-भुनी चीजें भी न खाएं। नशे से दूरी बनाए रखें। इस तरह रजोनिवृत्ति के दौरान होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।