Dr. Narendra rathi

आज की गतिशील जीवन शैली में निसंतानता (बच्चा न होना) भी एक गंभीर विषय बनता जा रहा है। निसंतानता, जिसे हम इन्फर्टिलिटी भी कहते हैं। यह प्रजनन प्रणाली की एक ऐसी समस्या है, जिसमें महिला के गर्भधारण में विकृति आ जाती है। अगर हम आंकड़ों की बात करें तो आईवीएफ (In Vitro Fertilisation) का सफल रेट महज 30 फीसदी है, जो कुल निसंतान दंपत्ति का काफी कम प्रतिशत है। ऐसे में अधिकांश दंपत्ति निसंतान रह जाते हैं।
इस समस्या के पीछे कई कारण होते है, जैसे कि हमारा खानपान, वातावरण, पारिवारिक कारण और जो सबसे बड़ा कारण है वह \’तनाव\’ है। जिससे आज हर दूसरा जूझ रहा है। ऐसे में भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति \’आयुर्वेद\’ में बच्चा न होने की समस्या को दूर करने के कई दावे हैं। जिन्हें समझने के लिए हमने आयुर्वेदिक गायनेकोलॉजिस्ट डॉ नरेंद्र राठी से बातचीत की है। जिसमें उन्होंने गर्भधारण न होने के कारण और उनके प्राकृतिक उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी
इन्फर्टिलिटी का आयुर्वेद में है सफल उपचार
इसी गंभीर समस्या को लेकर एक्सपर्ट डॉक्टर नरेंद्र राठी बताते है कि हमारे आयुर्वेद में निसंतानता का सफल इलाज आज से नहीं पुराने काल से चला आ रहा है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि आयुर्वेद का 90 फ़ीसदी से भी ज्यादा सफल रेट है, जबकि आईवीएफ में इसके सफल होने की संभावना काफी कम है और आम लोगों की पहुंच से बाहर है।
हानिरहित है इलाज
वर्तमान जीवनशैली, आधुनिक खानपान और मानसिक तनाव के कारण आज के समय में दम्पत्तियों में नि:सन्तानता की समस्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है। विवाहित जोडो के लिये यह एक बहुत बडा अभिशाप बन जाती है और इलाज के लिए कई बार नि:संतान दंपत्ति एलोपैथी में लाखों रुपए खर्च कर इलाज करवाते हैं, लेकिन आयुर्वेद पद्धति में नि:सन्तानता की चिकित्सा के विस्तृत उपाय बतायें गये हैं, जिनसे आसानी से हानिरहित इलाज संभव
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