शतावरी एक छोटा सा पौधा होता है जो की झाड़ी दार होता है किसी की जड़ों का उपयोग जो कि काफी संख्या में होती हैं आयुर्वेद में औषध के रूप में प्रयोग किया जाता है यदि हम आयुर्वेद की बात करें तो मानसिक बीमारी गठिया बीमारी ज्वर एवं बहुत सारे नुस्खों में सतावर का प्रयोग किया जाता है परंतु जैसा कि आज हमारा टॉपिक है संतान प्राप्ति तो उसी के बारे में हम आज आपको बताएंगे
आयुर्वेद का एक ग्रंथ है जिसका नाम है भाव प्रकाश उसके अनुसार शतावरी दो प्रकार की होती है छोटी एवं बड़ी शतावरी दोनों का ही उपयोग चिकित्सा में किया जाता है मेधा वर्धक होती है शतावरी हृदय के लिए हितकारी होती है रसायन की तरह काम करती है अर्थात हमारे संपूर्ण शरीर के लिए फायदेमंद होती है ग्रहणी नेत्र रोग को दूर करने वाली चिकित्सा ग्रंथों में बताया गया है
मात्रा एक तोला सुबह शाम दूध के साथ लेनी चाहिए
मुख्य प्रयोग
यदि मुख्य रूप से चिकित्सा की यदि बात की जाए आचार्य चरक आचार्य सारंगधर भाव प्रकाश आदि ग्रंथों के अनुसार यदि हम मुख्य द्रव की बात करें तो संतान प्राप्ति के लिए कुमार कल्पद्रुम घृत शतावरी घृत फल घृत या कुछ तेलों का भी यदि हम निर्माण करते हैं तो उसमें मुख्य द्रव के रूप में शतावरी का उपयोग किया जाता है जो हमने अपने अनुभव से भी प्राप्त किया है यदि हम कुछ दिन मेडिसिन खिलाने के बाद फॉलिकल स्टडी कराते हैं तो फॉलिकल की स्थिति काफी अच्छी अल्ट्रासाउंड में हमें क्लिनिकली देखने को मिली है
AMH
Low AMH & High AMH
हमने पाया है की यदि ovarian reserve की किसी भी प्रकार की यदि परेशानी हो तो यदि सतावर का भी प्रयोग किया जाए तो काफी अच्छा लाभ मरीज को प्राप्त होता है इसलिए शतावर का निर्विघ्न रुप से प्रयोग करके देख लेना तर्कसंगत है
आयुर्वेद का ज्ञान हमारे ऋषि द्वारा दिया हुआ वह प्रसाद है जिसको बिना किसी शंका का के ग्रहण करने में मानव जाति का कल्याण होता है अतएव बिना किसी शंका की औषध को प्रसाद समझकर ग्रहण करने में ही मानव की भलाई है ज्यादा शंका करने में अपना ही नुकसान है क्योंकि ऋषि हमारे पूर्वजों के समान है तो यदि हम यह ग्रहण करते हैं तो उनके प्रसाद के रूप में ले लेना चाहिए
ज्यादा उपयुक्त होगा कि यदि किसी चिकित्सक के मार्गदर्शन में इन औषध का प्रयोग किया जाए यदि किसी मरीज की लाइनिंग ना बन रही हो ऊपर दिए हुए घृत का प्रयोग करने से अधिक सफलता मिलती है कुछ मरीज आईवीएफ का सहारा लेते हैं वह बहुत अच्छी बात है परंतु कई बार उससे भी निराशा हाथ लगती है उस निराशा से बचने के लिए कुछ महीने इन औषध का उपयोग करके जरूरत होने पर ही आईवीएफ की तकनीकी का उपयोग करना अच्छा रहता है
दवाई को जो हम लोगों ने देखा है उससे आपके अंडे की क्वालिट महीना सही समय पर आने लगता है एवं शुक्र दोष में भी यह औषध बहुत अच्छा काम करती है जिनको बार-बार गर्भपात होते हो उसमें पति और पत्नी दोनों ही औषध का उपयोग करें तो कुछ ही दिनों में सफलता मिल जाती है